Press Release

प्रेस विज्ञप्तिः इराक़ से खोए व्यापार को पुनर्जीवित करने हेतु टीपीसीआई ले जा रही है व्यापार प्रतिनिधिमंडल

इराकी व्यापार मंत्री के साथ होगी बैठक, मंत्री ने भेजे संदेशे में कहा उनकी सरकार टीपीसीआई नेतृत्व वाले व्यापार प्रतिनिधिमंडल के स्वागत हेतु तैयार

नई दिल्ली नवंबर 24 2018ः
भारत का उत्कृष्ट व्यापार एवं निर्यात संर्वधन संगठन टेªड प्रमोशन काउंसिल आफ इंडिया – टीपीसीआई – 2003 में ईराक के बदलते हालात के पश्चात प्रभावित इराक-भारत व्यापार संबंधों को पुनर्जीवित करने के प्रयास में आगामी 26 नवंबर से खाद्य और पेय पदार्थ की 30 से अधिक भारतीय कंपनियों का एक व्यापार प्रतिनिधिमंडल ले कर इराक़ जा रहा है।
यह चार दिवसीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल बग़दाद, करबला, नजफ और एरबिल में प्रमुख व्यापारियों और व्यापारिक निकायों के वरिष्ठ अधिकारियों से भेट करेगा और इराक-भारत व्यापार को पुनः प्रारंभ करने की कोशिशों पर बातचीत करेगा।
पहले ही दिन भारतीय प्रतिनिधिमंडल इराक के नए व्यापार मंत्री से भेंट करेगा जिन्होंने इराक स्थित भारतीय दूतावास के माध्यम से बधाई संदेश भेजा है जिसमें उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार टीपीसीआई नेतृत्व वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करने के लिए तैयार है।
टीपीसीआई भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत एक शीर्ष व्यापार निकाय है जो भारत और अन्य देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने और अन्य सुविधाएं प्रदान करने हेतु कार्यरत है।
भारत के इराक के साथ अच्छे व्यापारिक सम्बंध थे लेकिन 2003 में जब इराक अशांति में चला गया तब से व्यापर ठप्प हो गया था। टीपीसीआई के चेयरमैन मोहित सिंगला कहते हैंः ‘‘इराक में व्यापार प्रतिनिधिमंडल ले जाने के दो उद्देश्य हैंः एक, हाल में इराक से होने वाला अधिकतर व्यापार दुबई के माध्यम से होता है। हम चाहते हैं कि भारत-इराक के बीच सीधे व्यापार के दरवाजे पुनः खुलें। दो, इराक़ी खरीदारों और भारत के निर्याताओं के बीच फिर से विश्वास के सम्बंध बनें ताकि दोनों देशों के व्यापारिक सम्बंधों में वृद्धि हो।’’
इराक-भारत के बीच व्यापार बसरा निकट स्तिथ ओमर क़सर बंदरगाह से होता था। लेकिन अब इराक और अन्य देशों के बीच बैंकिंग संबंध नहीं हैं जिसके चलते अधिकांश व्यापार दुबई के माध्यम से हो रहा है। हाल के दिनों में तुर्की और ईरान जैसे पड़ौसी देश इराकी जरूरतों की आपूर्ति कर रहे थे। परन्तु इन दोनों देशों की मुद्रा में आई गिरावट के कारण भारतीय कंपनियों के लिए पुनः व्यापार प्रारंभ करने के मार्ग खुले हैं। दोनों देशों के बीच बैंकिंग मार्ग फिर से स्थापित होने और ओमर क़सर बंदरगाह के माध्यम से व्यापार खुलने से इराक-भारत व्यापार में अच्छी वृद्धि होगी।
सिंगला कहते हैंः ‘‘राह में आ रही बाधाओं को दरकिनार कर हम यह प्रतिनिधिमंडल ले कर जा रहे हैं ताकि दोनों देशों के बीच आत्मविश्वास के सम्बंध पुनः कायम हो सकें।’’
2003 तक भारत इराक में चाय का अग्रणी सप्लायर था लेकिन उसके बाद यह व्यापार निम्न स्तर तक पहुंच गया। आज श्रीलंका इराक के लिए चाय के प्रमुख निर्यातकों में से एक है। 2014 के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक इराक द्वारा आयत की गई 53 करोड़ अमेरिकी डालर की चाय में से श्री लंका का योगदान 44 करोड़ अमेरिकी डालर से अधिक था।
इराक को चावल और मसालों का निर्यात भी व्यापार प्रतिनिधिमंडल के उच्च एजेंडे पर रहेगा। 2014 के आंकड़ों के मुताबिक इराक द्वारा आयात किए गए 451 मिलियन अमेरिकी डाले के चावल में से भारत का योगदान सब से अधिक 13 ़9 मिलियन अमेरिकी डालर का था। इसके बाद चीन ने 92 ़5 मिलियन अमेरिकी डालर का चावल निर्यात इराक को किया। उल्लेखनीय रूप से दक्षिण अफ्रीकी देशों जैसे अर्जेंटीना और उरूग्वे ने क्रमशः 47 ़4 और 42 ़7 मिलियन अमेरिकी डालर का चावल इराक को निर्यात किया। चीन ने हाल ही में भारत से काफी मात्रा में चावल आयात करना शुरू किया है परन्तु इराक को चावल निर्यात करने में उसका दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा है।
चार दिवसीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल 26 नवंबर को यात्रा के पहले दिन ही इराक के व्यापार मंत्री से मुलाकात करेगा। इस बैठक में इराकी खाद्य मंत्रालय और विदेशी आर्थिक संबंधों के मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे।

For any further information, contact:
AZIZ HAIDER
DIRECTOR-MEDIA & CORPORATE COMMUNICATIONS
9, 2nd Floor, Scindia House, Connaught Circus,
New Delhi- 110001, India
T: (91) 11 40727272
M: (91) 9667182697, 7999466000
W: www.tpci.in

deneme bonusu casino 1xbet giriş canlı poker siteleri canlı rulet oyna sweet bonanza oyna casino siteleri